अपर कलेक्टर ने आगर कलेक्ट्रेट की महिलाकर्मी से की थी अश्लिलता, सभी कर्मचारियों ने की कार्यवाही की मांग
आगर कलेक्ट्रेट में कार्यरत महिला कर्मचारी से अश्लील बातें करने को लेकर अब अपर कलेक्टर बुरी तरह से फसते नजर आ रहे हैं. आज सभी कर्मचारियों ने लामबंद होकर अपर कलेक्टर के विरुद्ध ज्ञापन संयुक्त कलेक्टर अशफाक अली को सौंपा है.
आगर-मालवा। आगर कलेक्ट्रेट की एक महिलाकर्मी के साथ अपर कलेक्टर एन.एस राजावत ने अश्लील बातें की थी. पीड़िता ने जिला कलेक्टर अवधेश शर्मा के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसमें बताया गया है कि वह अपर कलेक्टर एन.एस राजावत के पास छुट्टी की मांग को लेकर गई थी. जिसके बाद अपर कलेक्टर ने उनसे एक अनुचित मांग की और कहा कि “छुट्टी चाहिए तो किस देना होगी” जिसके बाद महिलाकर्मी रोते हुए अपर कलेक्टर के कक्ष से बाहर आई ओर जब साथी कर्मचारियों ने पीड़िता से रोने की वजह पूछी तब मामले का खुलासा हुआ.
मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद मीडियाकर्मियों ने अपर कलेक्टर एन.एस राजावत से बात करने की कोशिश की तो फिर अपर कलेक्टर ने कहा कि मुझे नहीं पता मुझ पर क्या आरोप लगे हैं, मैं अपने उच्च अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखूंगा.
एक महिला कर्मी के साथ अश्लील बातें और अभद्रता करने के बावजूद अभी तक अपर कलेक्टर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. जिसके विरोध में आज सभी कर्मचारी लामबंद हुए और अपर कलेक्टर पर कार्यवाही की मांग करते हुए कमिश्नर के नाम एक ज्ञापन आगर कलेक्ट्रेट में संयुक्त कलेक्टर अशफाक अली को सौंपा है. कर्मचारियों का कहना है कि कलेक्टर द्वारा सिर्फ स्थानांतरण का आश्वासन दिया गया है जो कि दंड की श्रेणी में नहीं आता जबकि इनका कृत्य महिला यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आता है.
क्या अपर कलेक्टर के पक्ष में है एसएलआर राजेश सरवटे?
जैसा कि हमने आपको कल प्रकाशित हुए समाचार में बताया था कि मीडियाकर्मियों को देखकर अपर कलेक्टर इतना डर गए थे कि वह अपने कक्ष में बैठे रहे और उन्होंने अपनी सुरक्षा में चार-पांच पुलिस के जवान भी तैनात कर लिए थे. जिसके बाद मौका देखते ही वह अपना कक्ष छोड़कर निर्वाचन के कक्ष में जाकर बैठ गए. तब तक कलेक्ट्रेट अपर कलेक्टर का पक्ष जानने बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी उपस्तिथ हो गए थे. तभी एसएलआर राजेश सरवटे ने अपर कलेक्टर एनएस राजावत को मीडिया के कैमरे से बचाने के लिए एसएलआर राजेश सरवटे ओर अपर कलेक्टर ने काफी देर तक योजना बनाई और जब वह अपनी योजना में असफल हो गए तब एसएलआर राजेश सरवटे ने अपर कलेक्टर को अंधेरे में अपने वाहन से पीछे के गेट से निकालने का प्रयास किया तभी मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिए लेकिन अपर कलेक्टर मीडिया से ज्यादा कुछ ना बोलते हुए एसएलआर राजेश सरवटे की गाड़ी में बैठकर रफूचक्कर हो गए.
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है की आखिर क्यों एक महिलाकर्मी के साथ अशलील बातें करने वाले अधिकारी को एसएलआर राजेश सरवटे मीडिया के कैमरे से बचना चाहते थे?