टेलिग्राम ब्रेकिंग: कल आगर नहीं, भोपाल में होगी गौ-कैबिनेट की पहली बैठक, गौ-अभ्यारण्य में केवल सभा करेंगे शिवराज
पहली गौ-कैबिनेट रविवार को भोपाल में होगी. मुख्यमंत्री शिवराज आगर जिले के सालरिया में बने गौ अभ्यारण में केवल सभा करने जाएंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर गौ-कैबिनेट की पहली बैठक आगर में करने की घोषणा की थी.
●रजिस्ट्री, वाहन और शराब पर सेस लगाने के विकल्पों पर पहली गौ कैबिनेट में होगी चर्चा
●पहली गौ कैबिनेट की बैठक आगर-मालवा में करने की घोषणा की गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री रविवार को गौ अभ्यारण्य में केवल सभा करने जाएंगे
भोपाल। गौ संरक्षण ओर संवर्धन के लिए शिवराज सरकार गाय टैक्स (काऊ सेस) लगाने पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके संकेत दिए हैं. इसी तरह का टैक्स लगाने का मसौदा कमलनाथ सरकार में भी अफसरों ने तैयार किया था. शिवराज सरकार भी ऐसे ही विकल्पों के जरिए गायों के भरण-पोषण करने की तैयारी कर रही है, फर्क सिर्फ इतना है कि कमलनाथ सरकार महंगी कारों, स्टाम्प डयूटी और टोल प्लाजा की फीस बढ़ाकर गौशालाओं का निर्माण करना चाहती थी, लेकिन शिवराज सरकार गायों के चारे-भूसे की स्थाई व्यवस्था करने के लिए रजिस्ट्री, वाहन और शराब पर सेस लगाने के विकल्पों पर विचार कर रही है. कमलनाथ सरकार ने गौशालाएं खोलने के लिए धन जुटाने वन, राजस्व, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिवों की एक कमेटी का गठन किया था.
जबकि शिवराज सरकार ने गौ-कैबिनेट का गठन किया है. जिसमें गृह, वन, कृषि, ग्रामीण विकास और पशुपालन मंत्री को सदस्य बनाया गया है और मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष बनाए गए हैं. जिसकी पहली बैठक रविवार को सुबह 11 बजे मंत्रालय में होगी. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आगर जाएंगे, जहां वे सालरिया स्थित एशिया के एकमात्र ओर सबसे बड़े गौ-अभ्यारण में एक सभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले गौ-कैबिनेट की पहकी बैठक आगर के गौ-अभ्यारण में ही होना थी लेकिन इसका स्थान अब परिवर्तन हो गया है. कायस लागये जा रहे है कि कैबिनेट में कोई निर्णय लेकर शिवराज उसके बाद सभा में उसका ऐलान करेंगे. इससे पहले, सीएम शिवराज ने तिरुपति से ट्वीट कर कहा था कि गो-कैबिनेट की पहली बैठक आगर जिले के सालरिया स्तिथ गौ अभ्यारण्य में होगी.
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कितना सेस लगेगा, गौ-कैबिनेट में होगा विचार
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि गायों को पालने के लिए सेस लगाने पर गौ-कैबिनेट की बैठक में विचार होगा. हालांकि अधिकारियों ने वाहनों की बिक्री, राजिस्ट्री और शराब पर सेस लगाने के विकल्प तैयार किए हैं.
कैसे आत्मनिर्भर बनें गोशालाएं, बताएंगे विशेषज्ञ
पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि वे आगर के गौ अभ्यारण में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हाेने रविवार को दोपहर 1 बजे पहुंचेगें. इस अवसर पर दिल्ली, हरियाण, राजस्थान के गौशालाओं के संचालकों व बड़ी संस्थाओं के संचालकों को बुलाया गया है. वे बताएंगे कि गौ शालाओं को कैसे आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है और सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए. मुख्यमंत्री विशेषज्ञों के साथ सेस के विकल्पों को लेकर भी चर्चा करेंगे.
इसलिए सेस लगाने की तैयारी
इस समय प्रदेश में लगभग 1300 गोशालाएं हैं जिनमें 1.80 लाख गायों को रखा गया है. बताया जाता है कि पिछली कमलनाथ सरकार ने बजट में प्रति गाय 20 रुपए का आवंटन किया था. पिछले वित्तीय वर्ष में पशुपालन विभाग का बजट 132 करोड़ रुपए रखा था जबकि 2020-21 में तो यह सीधे 11 करोड़ रुपये हो गया, यानी लगभग 90 फीसदी की कटौती कर दी गई. यानी प्रति गाय सरकारी खुराक 20 रुपए से घटकर 1 रुपए 60 पैसे हो गई.