मध्यप्रदेश में कौवों की मौत से हड़कंप, शिवराज सरकार ने जारी किया बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट

भोपाल। इंदौर में मरे हुए कौवों में घातक वायरस पाए जाने के बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने प्रदेश में बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी किया है. जनसंपर्क विभाग के अनुसार, प्रदेश में हो रही कौवों की मौत पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के निर्देश पर अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने के लिए भी कहा गया है. किसी भी परिस्थिति में कौवों या दूसरे पक्षियों की मौत की सूचना पर तुरंत जरूरी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही रोग नियंत्रण के लिए भारत सरकार की ओर से जारी निर्देशों पालन करने के लिए भी कहा गया है.


पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के निर्देश पर जारी हुआ अलर्ट

मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग की ओर से कहा गया हैं कि प्रदेश में 23 दिसम्बर से 3 जनवरी 2021 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13 और सीहोर में नौ कौवों की मृत्यु हुई है. मृत कौवों के नमूने तत्काल भोपाल स्थित स्टेट डी.आई. प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं. इंदौर में नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर त्वरित प्रतिक्रिया दल की ओर से कार्यवाही की जा रही है.


पशुपालन विभाग के अधिकारियों को खास निर्देश

विज्ञप्ति के अनुसार, जिलों में तैनात पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. इसके अनुसार, कौवों की मृत्यु की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में स्थानीय प्रशासन और अन्य विभागों के समन्वय से तत्काल नियंत्रण और शमन की कार्यवाही कर रिपोर्ट भेजें. साथ ही पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पाद बाजार, फार्म, जलाशयों और प्रवासी पक्षियों पर विशेष निगरानी रखते हुए प्रवासी पक्षियों के नमूने एकत्र कर भोपाल लैब को भेजें.


अलर्ट को लेकर पशुपालन मंत्री ने क्या कहा…

रोग नियंत्रण कार्य में लगे हुए अमले को स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीपीई किट, एंटी वायरल ड्रग, मृत पक्षियों, संक्रमित सामग्री, आहार का डिस्पोजल और डिसइन्फेक्शन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. पशुपालन मंत्री पटेल ने कहा कि कौवों में पाया जाने वाला वायरस एच5एन8 अभी तक मुर्गियों में नहीं मिला है. मुर्गियों में पाया जाने वाला वायरस सामान्यत: एच5एन1 होता है. उन्होंने लोगों से अपील की कि पक्षियों की मृत्यु की सूचना तत्काल स्थानीय पशु चिकित्सा संस्था या पशु चिकित्सा अधिकारी को दें.


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