शिवराज की खुली पोल: कोरोना कर्फ़्यू से नही, RTPCR टेस्ट कम कर RAPID टेस्ट बढ़ाने के कारण घट रहा है मध्यप्रदेश में कोविड का पॉजिटिविटी रेट

भोपाल। मध्यप्रदेश की जनता इन दिनों न्यूज़ चैनल व कई अखबारों में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट घटता देख बड़े खुश हो रही है लेकिन पॉजिटिविटी रेट घटने के पीछे असल कारण तो कुछ और ही है. प्रदेश में संक्रमण कम नहीं हुआ है लेकिन आंकड़े अब कम होने लगे हैं. आंकड़े कम होंगे भी क्यों नही इसके पीछे बड़ी प्लानिंग और ICMR की गाइडलाइन का उल्लंघन जो हो रहा है..

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर की गाडडलाइन का उल्लंघन करने का मामला सामने आया है. आरोप लगाया जा रहा है कि मध्यप्रदेश में कोविड के संक्रमण की दर कम नहीं हुई बल्कि टेस्टिंग ट्रिक यूज़ करके कम दिखाई जा रही है.

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण का दर अचानक घटकर 15% पर आ गया है. करीब 10% की इस बड़ी गिरावट ने सबको चौंका दिया और अधिकतर लोग प्रदेश के मुखिया की बात में आकर सचमुच कोरोना कर्फ़्यू से कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगा है ऐसा मान रहे है. अब खुलासा हुआ है कि संक्रमण की दर घटाने के लिए सरकार ने RTPCR टेस्ट घटाकर रेपिड टेस्ट बढ़ा दिए हैं. गाइडलाइन के अनुसार यह 30:70 होना चाहिए परंतु 10 मई 2021 के आंकड़ों में रैपिड एंटीजन टेस्ट और RTPCR का अनुपात 50:50 हो गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर की गाडडलाइन के आनुसार, रैपिड एंटीजन टेस्ट 30% से ज्यादा नहीं होना चाहिए, लेकिन मध्यप्रदेश में पिछले 10 दिन के आंकड़े देखें, तो एंटीजन टेस्ट 31% से बढ़कर 50% से तक हो रहे हैं. प्रदेश में पिछले 10 दिन में अधिकतम सैंपल टेस्ट का रिकाॅर्ड भी है. 5 मई को अब तक सबसे अधिक 68,102 टेस्ट रिपोर्ट में 12,421 सैंपल पॉजिटिव मिले थे. इसमें से 41% से अधिक टेस्ट रैपिड एंटीजन हैं, लेकिन 10 मई को यह 50% से ज्यादा हो गया, जबकि कुल सैंपल की संख्या 5 मई की तुलना में करीब 2 हजार से कम थी.

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