नो आईडिया सर जी! गाँव तक पहुँचा कोरोना, अब गाँव तक कैसे पहुँचेगी वैक्सीन?
लेखक: विजय बागड़ी
(संपादक, द टेलीग्राम डॉट इन)
देश में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लोग ऑक्सीजन, रेमडेसीवीर, बेड, आईसीयूजों के लिए काफी हद तक परेशान हो रहे हैं वहीं अभी तक देश के पास कोरोना से लड़ने के लिए केवल वैक्सीन के अलावा कोई भी विश्वसनीय दवाई नहीं है। अभी तक भारत में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को, उनमें भी ज्यादातर शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। 1 मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का भी वैक्सीनेशन शुरू होने वाला था लेकिन मध्यप्रदेश, बिहार सहित कई अन्य राज्यों में वैक्सीन की पर्याप्त डोज़ नहीं मिलने के कारण यह शुरू नहीं हो पाया और वैसे भी वैक्सीन लगवाने में आगे तो शहरी क्षेत्र के लोग ही है लेकिन कोरोना ने अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपने पांव पसार लिए है। पिछले साल कोरोना सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित था, कस्बों और गांवों के बीच कहीं-कहीं से लोगों के बीमार होने की खबरें आती थी, और तो और पिछले साल लॉकडाउन में करीब डेढ़ करोड़ प्रवासियों के शहरों से देश के अलग-अलग गांवों में पलायन के बावजूद भी कोरोना से मौतों की सुर्खियां बनने वाली खबरें नहीं आई थीं। लेकिन इस बार कई राज्यों में गांव के गांव बीमार पड़े हैं, लोगों की जानें जा रही हैं, हालांकि इनमें से अधिकतर मौतें आंकड़ों में दर्ज नहीं हुई है, क्योंकि टेस्टिंग नहीं हुई है या फिर लोग करा नहीं रहे हैं।
ग्रामीणों ने वैक्सीनेशन को लेकर खुद से मन में गढ़ ली मनगढंत कहानियां
सरकार द्वारा वैक्सीनेशन पर जोर तो दिया जा रहा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन पर जोर सरकार नहीं दे रही है। हालांकि, अब केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन का जिम्मा राज्य सरकार को सौंप दिया है, जिसके बाद अब राज्य सरकार द्वारा जिला पंचायत अधिकारियों को निर्देश देकर पंचायत में लोगों को कोरोना टीकाकरण के लिए जागरूक करने और टीका लगवाने के लिए हल्का पटवारी, पंचायत सचिव व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को निर्देशित किया गया है लेकिन कहीं ना कहीं इन सब के समझाने के बाद भी ग्रामीणजन कोरोना टीकाकरण को लेकर काफी घबराए हुए हैं। उनके मन में कई मनगढ़ंत कहानियां चल रही है। हमने कई ग्रामीणों से जब कोरोना वैक्सीनशन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने से बांझपन हो सकता है, टीका लगवाने से तो कई लोगों की मौत हो रही है, शहर में जितनी भी मौत हो रही है यह सब टीका लगने के कारण ही हुई है, टीका लगवाने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। इस तरह की कई बातें जो कि गलत है यह हमारे सामने आई। तो आप समझ सकते हैं कि सरकार जितना लोगों को कोरोना टीकाकरण के लिए जागरूक कर रही है उतनी ही भ्रामक जानकारियां ग्रामीणों के अंदर फिलहाल व्याप्त है।
ना इंटरनेट-ना मोबाइल कैसे करे रजिस्ट्रेशन
18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने का प्लान अब सरकार लेकर आई है लेकिन यह प्लान भी ज्यादातर शहरी क्षेत्र में ही सफल हो पाएगा। वैक्सीनशन के लिए पूर्व में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है जिसके बाद ही अपॉइंटमेंट डेट मिलने पर आप वैक्सीन लगवाने के लिए संबंधित स्वास्थ्य केंद्र पर जा सकते हैं लेकिन कई ग्रामीणों के पास न तो एंड्राइड मोबाइल है और ना ही इंटरनेट और अगर यह सब चीजें है भी तो उनके पास रजिस्ट्रेशन करने जितनी समझ नहीं है। जिस तरह पूर्व में पोलियो, हेपेटाइटिस जैसी अन्य बीमारियों के टीके घर -घर जाकर लगाए गए थे। उसी तरह कोविड-19 के टीके भी ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर ही लगाने पड़ेंगे अन्यथा सरकार का कोरोना टीकाकरण का प्लान पूरे भारतवर्ष में कभी भी पूरा नहीं हो पाएगा।
कोरोना टीकाकरण को लेकर ग्रामीणों को समझाने में असमर्थ है सरकार
पहले भी कई बीमारियां आई और चली गई लेकिन जब से कोरोना महामारी आई है, तब से ग्रामीणों ने कई लापरवाहियां बरती है और वह कोरोना को महामारी मानने को तैयार ही नहीं है इसीलिए तो वह वैक्सीनेशन पर भी ध्यान नहीं दे रहे। गांव में आज हर घर में एक बीमार व्यक्ति मिलेगा लेकिन कोई भी सिर्फ शहर के शासकीय अस्पताल में जाकर उपचार नही कराना चाहता क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि अगर वह वहां गए तो वहां कोविड की जांच करा दी जाएगी और अगर वह कोविड पॉजिटिव निकले तो उन्हें एडमिट कर लिया जाएगा। उन्हें डर है कि अगर एक बार एडमिट हो गए तो वहां से जिंदा वापस नहीं आएंगे इसलिए वह गांव के ही झोलाछाप डॉक्टरों से अपना इलाज कराकर काम चला रहे हैं लेकिन अब आप इस बात से तो यह समझ गए होंगे कि आखिर देश की स्थिति इतनी भयावह क्यों हो रही है। आज मरने वालों में ज्यादातर ग्रामीण है क्योंकि कोरोना महामारी से लड़ने में सबसे ज्यादा लापरवाहियां ग्रामीणों ने ही दिखाई है। ऐसे में अगर सिर्फ शहरी क्षेत्र के लोगों का ही वैक्सीनेशन होता रहा और ग्रामीणों का वैक्सीनेशन बाद में होगा तो वह दिन दूर नहीं जब कई गांव वीरान हो जाएंगे इसलिए सरकार को जल्द से जल्द पंचायतों में वैक्सीनेशन कैंप लगाकर लोगों को जागरूक करना होगा और उन्हें कोरोना महामारी से बचने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है यह बात समझानी होगी। टीकाकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है, आप भी टीका लगवाएं। टीका लगवाना ही आपकी व अपनों की सुरक्षा है।