लंपी का कहर: आगर शहर में पिछले पांच दिनों में लगभग दस से बारह गायों की हुई मौत, ट्रेंचिंग ग्राउंड व गौशाला के बाहर तड़प रही गाय, शरीर पर हुए फोड़ो व मुँह से बह रहा खून

लंपी का कहर: आगर शहर में पिछले पांच दिनों में लगभग दस से बारह गायों की हुई मौत, ट्रेंचिंग ग्राउंड व गौशाला के बाहर तड़प रही गाय, शरीर पर हुए फोड़ो व मुँह से बह रहा खून

4 दिन के इलाज की जरूरत लेकिन रखने का स्थान नही, नगरपालिका और पशु पालन विभाग नही दे रहा ध्यान

विजय बागड़ी, आगर-मालवा। ग्रामीण अंचलो में तो लंपी वायरस का कहर कम हुआ है लेकिन इन दिनों आगर शहर में गाय लंपी से पीड़ित नजर आ रही है लेकिन इस ओर नगरपालिका और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ध्यान नही दे रहे है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आगर शहर में पिछले पांच दिनों में लगभग दस से बारह गायों की मौत हो गई है और उन सभी मृत गायों में लंपी वायरस के लक्षण नजर आ रहे थे, सभी गायों के शरीर पर फोडों में से खून बह रहा था और उनका उपचार भी पशु चिकित्सालय में चल रहा था और पशु चिकित्सकों का भी कहना है कि गायों में लंपी वायरस के लक्षण नजर आ रहे है। आगर शहर में हमारी टीम ने जब पड़ताल की तो हमे भी तीन गाय लंपी वायरस से पीड़ित नजर आई। माधव गौशाला के बाहर एक गाय बैठी नजर आई जिसे नगरपालिका कर्मचारी उपचार करवाकर गौशाला छोड़ने आए थे लेकिन गौशाला कर्मचारियों ने उसे रखने से मना कर दिया जिसके बाद कर्मचारी गाय को गौशाला के बाहर छोड़कर आ गए। गाय के शरीर पर फोड़े हो रहे थे और उसके मुंह व शरीर के फोड़ो में से खून बह रहा था, वह गाय चलने से असक्षम नजर आ रही थी, यूँ माना जाए कि गाय मरने की कगार पर है। वही जब हमारी टीम ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पहुँची तो वहां भी एक गाय बेसुध अवस्था में नजर आई, उसके शरीर पर भी फोड़े हों रहे थे और मुँह से खून बह रहा था लेकिन शर्म की बात है कि वहां उस बेसुध अवस्था में पड़ी गाय को पानी पिलाने के लिए भी कोई मौजूद नही है।

फोटो: इस तरह गाय के शरीर पर हुए फोड़ो से बह रहा है खून

●57 हजार में से लगे 55 हजार वैक्सीन के डोज

पशु पालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, आगर जिले में लगभग 1 से 1.5 लाख गाय है लेकिन केवल 57 हजार वैक्सीन के डोज ही जिले को मिले है और 55 हजार डोज गायों को लगाए गए है। अभी भी आधे से ज्यादा गायों को वैक्सीन नही लगे है इसी कारण लंपी पर रोकथाम नही लग पा रही हैं। शहर में गायों में अधिकांश लंपी के लक्षण नजर आ रहे है इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि आगर शहर में आवारा घूमने वाली गायों को वैक्सीन नही लग पाई है।

फोटो: इस तरह बेसुध अवस्था में ट्रेंचिंग ग्राउंड में पड़ी है

●आइसोलेशन सेंटर की है आवश्यकता

लंपी वायरस से पीड़ित गायों को रखने के लिए शहर में नगरपालिका और पशु पालन विभाग के पास कोई उचित स्थान नही हैं। पशु चिकित्सकों के मुताबिक, लंपी वायरस से पीड़ित गाय को 4 दिन तक लगातार उपचार दिया जाए तभी वह स्वस्थ हो सकती है लेकिन गायों को लंपी से पीड़ित होने के बाद उन्हें उचित उपचार नही मिल पा रहा है क्योंकि 4 दिनों तक लगातार उपचार देने के लिए प्रतिदिन गाय को पशु चिकित्सालय ले जाना पड़े लेकिन इसकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नही है इसलिए नगरपालिका गायों का उपचार करवाने की बजाए उन्हें मरने के लिए छोड़ रही है। प्रदेश के अन्य जिलों में लंपी वायरस से पीड़ित गायों को उचित उपचार मिले इसलिए आइसोलेशन सेंटर बनाए गए है लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था आगर जिले में मौजूद नहीं है।

आपके माध्यम से यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। गायों के साथ बेहद गंभीर समस्या निर्मित हो रही है। मैं पशु पालन विभाग और नगरपालिका के अधिकारियों से चर्चा कर जल्द से जल्द समस्या का निराकरण करने का प्रयास करूंगा जिससे की लंपी पीड़ित गायों को उचित उपचार मिल सकें। – कैलाश वानखेड़े (कलेक्टर, आगर-मालवा)

आगर शहर में लंपी वायरस से पीड़ित गायों के मामले सामने आ रहे है। हम निरंतर प्रयास कर रहे है कि गायों को स्वस्थ कर पाए। फिलहाल हमारे पास कोई आइसोलेशन सेंटर नही है जहां हम लंपी पीड़ित गायों को रखकर उनका उपचार कर सकें। – डॉ हरिवल्लभ त्रिवेदी (उप संचालक, पशु पालन विभाग आगर)

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