पंचायत चुनाव के रण में उतरे 26 वर्ष के एलएलबी पास हेमंत लोधी, सागर जिले की ग्राम पंचायत बरौदिया से लड़ेंगे चुनाव, पंचायत में शामिल तीन गाँव के ग्रामीणों की बने पहली पसंद
सागर। अक्सर हम देखते आए है कि पहले चुनावों में ज्यादा शिक्षित लोग अपनी किस्मत आजमाने के चुनावी मैदान में नही उतरते थे लेकिन समय बदल गया है और इस बार युवा व शिक्षित उम्मीदवार पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए उतर रहे हैं. इनके भीतर दोनों काबिलियत है यह शारीरिक व मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ हैं और इनका काम करने का मॉडल भी पुराने लोगों से अलग है. यह लोग भ्रष्टाचार व अन्य चीजों को खत्म कर बस ग्रामीणों का विकास चाहते हैं.
ऐसा ही एक पढ़ा-लिखा नौजवान एलएलबी की पढ़ाई करने के बाद पंचायत चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरा है. सागर जिले की जनपद पंचायत बीना के अंतर्गत आने वाली पंचायत बरौदिया से हेमंत लोधी ने सरपंच पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है. हेमंत ने बीए और उसके बाद एलएलबी (वकालत) की डिग्री हासिल की है और अब अपने गांव को भ्रष्टाचार मुक्त बना कर ग्रामीणों का विकास करना चाहते हैं. उनका कहना है कि हमेशा से ग्रामीणों को ठगा गया है, उनसे उनके कार्य करवाने के लिए रिश्वत ली गई लेकिन अब ऐसा पंचायत में बिल्कुल भी नहीं चलेगा जैसे ही वह सरपंच के चुनाव में विजय होते हैं उसके बाद जो भी ग्रामीणों के धरातल पर मुद्दे होंगे उन पर वह कार्य करेंगे और सभी बेरोजगारों को मनरेगा के तहत रोजगार दिलवाएंगे.
हेमंत पिता सतीश लोधी इसी बरौदिया पंचायत में पैदा हुए और उनका हमेशा से ही गांव से एक अलग लगाव रहा. उन्होंने सागर से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की लेकिन हमेशा से उनके मन में गांव का विकास करने की इच्छा थी. हेमंत ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत बरौदिया में तीन गांव लगते हैं जिनमें एक तो स्वयं बरौदिया वहीं अन्य दो गांव दुधावनी व पालीखेड़ा है. अब इन तीनों गांव के लोग अपनी ग्राम पंचायत के लिए एक शिक्षित उम्मीदवार पाकर काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं और तीनों ग्राम पंचायतों से हेमंत को काफी अच्छा समर्थन मिल रहा है, लगभग तीनों गांव के लोग हेमंत को जिताने के लिए अपने मन में गांठ बांधकर बैठ गए हैं क्योंकि एलएलबी पड़ा व्यक्ति अगर पंचायत संभालने की जिम्मेदारी ले रहा है तो अवश्य ही पंचायत का चहुमुखी विकास होना तय है.
हेमंत ने द टेलीग्राम से चर्चा में बताया कि उनके पंचायत में लोगों को आवास योजना का लाभ कम मिला है तो सभी जरूरतमंद लोगों को आवास योजना का लाभ दिलवाया जाएगा, इसके साथ ही पंचायत के किसी भी गांव में पानी की समस्या नहीं होने दी जाएगी. वही पंचायत के किसी भी व्यक्ति को अगर शहरी क्षेत्र में भी इसी काम की आवश्यकता लगेगी तो उसके लिए भी वह तत्पर खड़े रहेंगे.