जिंदा जली जिंदगियां: महाराष्ट्र के विरार में कोविड अस्पताल के आईसीयू में लगी आग, 13 कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदा जलकर मौत

मुंबई : महाराष्ट्र के विरार स्थित विजय बल्लभ अस्पताल के कोविड आईसीयू में भयंकर आग लगने की वजह से 13 मरीजों की जलकर मौत हो गई. हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही है.

बताया जा रहा है जिस समय ICU में आग लगी, उस दौरान कई मरीज वहां भर्ती थे. इस बीच आनन-फानन में मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया. इस दौरान 13 मरीजों की आग की चपेट में आने के कारण मौत हो गई.

विजय वल्लभ COVID केयर अस्पताल के अधिकारी डॉ. दिलीप शाह ने कहा कि गंभीर हालत वाले 21 मरीजों को दूसरे अस्पताल में भेज दिया गया है.. बाकी बचे मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है. सुबह के 3:15 मिनट पर यह भयंकर आग लगी. आग लगने के पीछे का कारण एसी (AC) में हुए शॉर्ट-सर्किट को बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि जिन 13 मरीजों की मौत हुई है, वे सभी कोरोना संक्रमित मरीज थे.

महाराष्ट्र में सामने आए 67,013 नए मामले

महाराष्ट्र में गुरुवार को जहां कोरोना वायरस संक्रमण से 568 लोगों की मौत हुई तो वहीं कोविड-19 के 67,013 नए मामले सामने आए है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार, आज तक राज्य में कुल 40,94,840 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जबकि संक्रमण से कुल 62,479 लोगों की मौत हुई है.

महाराष्ट्र में 18 अप्रैल को संक्रमण के 68,631 नए मामले आए थे, जो एक दिन में सबसे ज्यादा संख्या है. राज्य में बुधवार को 67,468 मामले आए थे.

अधिकारी ने बताया कि 568 लोगों की मौत में से 309 लोगों की मौत पिछले 48 घंटों में हुई है जबकि 158 लोगों की मौत पिछले सप्ताह हुई है, बाकी बचे लोगों की मौत दो सप्ताह पहले की है. राज्य में आज 62,298 कोरोना मरीजों को संक्रमण मुक्त होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई, अभी तक कुल 33,30,747 लोग संक्रमण से मुक्त हुए हैं. राज्य में एक्टिव केस की संख्सा बढ़कर 6,99,858 हो गई है.

वहीं, मुंबई में 7,367 नए मामले आए हैं और संक्रमण से और 75 लोगों की मौत हुई है. शहर में अभी तक कुल 6,09,080 लोगों के संक्रमित होने और संक्रमण से 12,583 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है. इस बीच कोविड-19 को लेकर महाराष्ट्र सरकार की नई पाबंदियां आज रात से शुरू होने के बाद रेलवे मुंबई में प्रवेश, निकास बिंदुओं की संख्या सीमित करेगा ताकि लोकल ट्रेन में अनधिकृत लोगों को यात्रा करने से रोका जा सके.

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