सावधान! इंदौर पर हावी हो रहा ब्लैक फंगस, अब तक मिले 70 मरीज, एमवाय में 10 दिन में 16 मरीज किये गए भर्ती
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अब 10 से 25 दिन बाद ब्लैक फंगस इंफेक्शन हो रहा है. शहर के डॉक्टरों के अनुसार, अभी तक यह माना जा रहा था कि जिन मरीजों को कोविड इलाज के दौरान स्टेराइड या हायर एंटीबायोटिक इंजेक्शन ज्यादा दिए गए है, उन्हें ही इस तरह का संक्रमण हो रहा है.
नेत्र रोग विशेष डॉ. ओपी अग्रवाल के अनुसार, ऐसे मरीज जो अभी तक होम आईसोलेशन में थे जिन्होंने स्टेराइडड या अन्य इंजेक्शन नहीं लिए उनमें भी ब्लेक फंगस संक्रमण की समस्यां देखने को मिल रही है.
ऐसे में अभी तक सिर्फ यह स्पष्ट हुआ है कि कोविड संक्रमित मरीजों को ही इस तरह का संक्रमण हो रहा है और जिन्हें शुगर है उन्हें इस तरह के संक्रमण का खतरा अधिक है. इंदौर में अभी तक 70 से अधिक लोगों को इस तरह का संक्रमण हो चुका है. इस संक्रमण से ग्रसित मरीजों का सटीक डाटा जुटाने के लिए चिकित्सकों व अस्पतालों के बीच आनलाइन सर्वे कर जुटाने का प्रयास किया जा रहा है.
एमवाय अस्पताल में पिछले 10 दिन में ब्लैक फंगस संक्रमण के 16 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचे है, इनमें से अभी तक तीन मरीजों की सर्जरी कर आंखे निकाली गई है. एमवायएच के पांचवी मंजिल पर बने वार्ड नंबर 28 में अभी 15 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है. इसे जल्द ही बढ़ाकर 21 तक किया जा सकेगा. मेडिसिन विभाग के HOD डॉ. वीपी पांडे के अनुसार, अभी इस वार्ड में मेडिसिन, नेत्र रोग, नाक-कान व गले रोग व न्यूरोलॉजी विभाग की टीम मौजूद है जो ब्लैक फंगस संक्रमण वाले मरीजों को संयुक्त रुप से इलाज कर रही है.
ब्लैक फंगस इंफेक्शन होने पर एंटी फंगल इंजेक्शन “एम्फोटेरिसन बी” लगाया जाता है और एक दिन में करीब चार से पांच इंजेक्शन लगते है और यह इंजेक्शन 10 से 15 दिन मरीज को लगाने होते है. इस संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण यह इंजेक्शन आसानी से बाजार में नहीं मिल रहा है. इस इंजेक्शन की कीमत तीन से सात हजार रुपये होती है. ऐसे में 15 दिन तक हर दिन चार से पांच इंजेक्शन मरीज को लगने पर करीब ढाई से तीन लाख रुपये खर्च हो जाते है. हालात यह बन गए है कि अब इस इंजेक्शन की उपलब्धता नहीं होने के कारण इसकी भी कालाबाजारी शुरु हो गई और कई दवा विक्रेता ज्यादा कीमत में इंजेक्शन दे रहे है..