सावधान मध्यप्रदेश! कोरोना के टेंशन के बीच नई बीमारी की दस्तक, इंदौर के एमवाई अस्पताल के 11 मरीजों में पहुँचा संक्रमण
दवा बनी दुश्मन: इंदौर में ब्लैक फंगस की हुई एंट्री, कई लोगों ने गंवाई आखों की रोशनी
इंदौर। एक और प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है. तो वही, अब कोरोना की दवाओं के साइड इफेक्ट के तौर पर दिखाई देने वाली भीषण बीमारियों के क्रम में अब कई मरीजों को अपनी आंखों की रोशनी भी गंवानी पड़ रही है. दरअसल, यह ब्लैक फंगस के संक्रमण के कारण हो रहा है, जो कोरोना मरीजों को स्टेरॉयड और टोसिलिजुमैब इंजेक्शन के कारण मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है. इस फंगस के कारण शहर में कई लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है. लिहाजा, लोगों की आंखों की रोशनी बचाने के लिए अब प्रदेश के डॉक्टर कोरोना मरीजों को स्टेरॉयड देने पर भी प्रोटोकॉल बनाने जा रहे हैं. इसे लेकर आज एक बैठक भी होने जा रही है.
इंदौर में ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीज
दरअसल, अधिक शुगर वाले मरीजों के अलावा ब्लैक फंगस ऐसे मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है जो कोरोना के इलाज के दौरान स्टेरॉयड लेते हैं. इसके अलावा शुगर के मरीज जिनका शुगर लेवल पहले से गिरा हुआ है, उनके लिए भी यह संक्रमण भीषण खतरा साबित हो रहा है. हालांकि, कुछ सामान्य लक्षणों वाले ऐसे भी मरीज मिले हैं. जिन्हें स्टेरॉयड ज्यादा नहीं दिया गया, लेकिन फिर भी उन्हें ब्लैक फंगस संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया है. इंदौर में ऐसे करीब 11 मरीज भर्ती हैं जिन्हें यह संक्रमण बताया जा रहा है. इनमें से 4 मरीजों को बचाने के लिए आज ऑपरेशन कर उनकी आंखें निकालने की भी तैयारी की गई है, जिनमें दो एमवाई अस्पताल में और दो अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती हैं. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्वेता वालिया के अनुसार, एमवाई अस्पताल में ही महीने भर में 35 से ज्यादा मरीज आ चुके हैं.
कही खतरा तो नहीं बन रही दवा?
बता दें कि, कोरोना संक्रमण के मरीजों को स्टेरॉयड और टॉसिलिजूमैब इंजेक्शन दिए जाते हैं. मरीजों का शुगर लेवल 300 से 400 तक पहुंच जाता है. यह स्थिति पहले से डायबिटीज की बीमारी झेल रहे मरीजों के लिए जानलेवा साबित होती है. ऐसी स्थिति में वह इस संक्रमण का शिकार हो सकते हैं.
यह है इस संक्रमण की पहचान
●यदि पलके झुक रही हों, डबल दिखाई दे रहा हो.
● आंख व सिर में दर्द हो
● आंखों में लालपन हो, आंख आकार में बड़ी दिखाई दे रही हों, आंख के नीचे सुन्नपन महसूस हो रहा है.
●यदि नाक में काले रंग का डिस्चार्ज हो रहा हो.
इलाज कितना लम्बा
इसका बीमारी का इलाज लगभग 15 से 20 दिन तक चलता है. एक दिन के इलाज की कीमत 15 से 20 हजार तक आती है.
डॉक्टर्स का मानना है कि शुरुआती लक्षणों के साथ ही बिना देर किए डॉक्टर के पास पहुँच जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकेगा.