आगर: जिला अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के बावजूद प्रशासन ने RTO ऑफिस में खड़ा कर रखा था ऑक्सीजन सिलेंडर का वाहन, कोविड मरीजों के परिजनों ने रोते-बिलखते अंकुश से लगाई गुहार

आगर-मालवा। एक और जिला प्रशासन अपनी वाहवाही कराने के लिए व आम लोगों को भ्रम में रखकर हर बार जिले में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था होने का दिलासा देते रहता है लेकिन रविवार को जिला अस्पताल में जिला प्रशासन का यह झूठ साफ हो गया. मरीज के परिजन सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए डॉक्टरों के मुहं तरफ देख रहे थे. उनकी आँखों से आंसू नही टूट रहे थे क्योंकि यह उनके अपने की जान का सवाल था.

तभी लगातार ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए कॉल आने के बाद करीब 11 बजे एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर जिला अस्पताल पहुँचे तो वहां की स्तिथि काफी चिंतनीय थी. अंकुश ने तत्काल जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी जिनके द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर का वितरण किया जाता है, उनसे चर्चा की तो उन्होंने बताया कि नगरपालिका की गाड़ी ऑक्सीजन के सिलेंडर लेने गई है कुछ देर में आने ही वाली है. वही अपने मरीजों को तड़पता देख परिजन रोते बिलखते दिखाई दिए. काफी देर इंतजार करने के बाद जब ऑक्सीजन की गाड़ी अस्पताल नहीं पहुंची तो अंकुश बिना देर किए जिला अस्पताल से आरटीओ ऑफिस स्थिति स्टॉक रूम पहुंच गए. वहां से 60 ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल पहुंचे.

नगरपालिका की गाड़ी सुबह से ही आरटीओ ऑफिस में ऑक्सीजन सिलेंडर लेने के लिए गई थी, जब कर्मचारियों से पूछा गया कि आप अभी तक ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर हॉस्पिटल क्यों नहीं गए तो उन्होंने बताया कि अभी हमें यहां से ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाने की परमिशन नहीं आई है. ऐसे में जिला अस्पताल में मरीजों को लगने वाली ऑक्सीजन की व्यवस्था जिला प्रशासन कर रहा है. अंकुश ने तत्काल नोडल अधिकारी संयुक्त कलेक्टर अशफाक अली, अनुविभागीय अधिकारी राजेंद्र सिंह रघुवंशी, तहसीलदार दिनेश सोनी को मामले से अवगत कराया और कहा कि अस्पताल में मरीजों की जान जा रही है और यह गाड़ी में भरे सिलेंडर रखे हैं लेकिन अनुमति नहीं दी जा रही है. आगर के आगर में ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाने में किस बात की परमिशन की आवश्यकता है. काफी देर तक बहस के बाद ऑक्सीजन सिलेंडरों को आरटीओ ऑफिस से जिला अस्पताल के लिए रवाना किया. इसके बाद मरीजों के परिजनों को करीब 60 सिलेंडर अंकुश द्वारा उपलब्ध कराए गए.

अंकुश ने “द टेलीग्राम” से बातचीत में कहा कि आगर विधायक विपिन वानखेड़े और हम विधानसभा के परिवारजन के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. मैं मेरे परिवारजनों से यही कहना चाहता हूं कि आप सिर्फ भरोसा रखना हम एड़ी चोटी का जोर लगा देंगे अपने लोगों को तकलीफ नहीं आने देंगे चाहे प्राण गवाना पड़े.

लेकिन सोचने वाली बात है कि जब अस्पताल में ऑक्सीजन के सिलेंडर खत्म हो चुके थे तो फिर नगरपालिका के जिस वाहन को आरटीओ ऑफिस में ऑक्सीजन सिलेंडर लेने पहुंचाया था आखिर उसे किसने परमिशन नहीं दी और क्या एक आम इंसान की जान किसी कागज के टुकड़ों पर लिखे दो शब्दों से ज्यादा है?

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