गले में सिक्का फस जाने से 4 वर्षीय बालिका की मौत के बाद केयर हॉस्पिटल प्रबंधन पर परिजनों ने लगाया बच्ची का गलत इलाज करने का आरोप, काफी देर तक चला हंगामा
विजय बागड़ी, आगर-मालवा। सुसनेर निवासी एक 4 वर्षीय बालिका ने 17 अप्रैल को गले में सिक्का निगल लिया था जिसके बाद परिजन उसे उपचार के लिए आगर के केयर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे लेकिन केयर हॉस्पिटल में उपचार के बावजूद भी बालिका के गले से सिक्का बाहर नहीं निकल पाया। उसका ऑपरेशन केयर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर हिमांशु चोयल ने किया था और उसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया, जब बालिका निर्जीव हालत में पहुंच गई तो उसे आनन-फानन में मंगलवार को उज्जैन रेफर किया गया जहां एक निजी अस्पताल में उसे वेंटिलेटर पर रखा गया जहां बालिका की बुधवार को मौत हो गई, जिसके बाद परिजन बालिका का शव लेकर आगर के केयर हॉस्पिटल पहुंच गए और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया।
परिजनों का आरोप है कि केयर हॉस्पिटल में ही बालिका की मौत हो चुकी थी और अगर मौत नहीं भी हुई थी तो आखिर केयर हॉस्पिटल के प्रबंधन ने बालिका का उपचार ठीक ढंग से नहीं होने के बावजूद उसे यहां पर भर्ती करके रखा था। अस्पताल में हंगामा बढ़ता देख अस्पताल के डायरेक्टर विशाल बनासिया ने आगर कोतवाली थाने पर इस बात की जानकारी दी और मौके पर कोतवाली थाने का बल भी पहुंच गया। परिजनों को पुलिस ने काफी देर तक समझाया जिसके बाद मामला शांत हो पाया। बालिका के पिता राजेश गायरी ने भी मामले के संबंध में आगर कोतवाली थाने पर एक शिकायती आवेदन दिया है और अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टर हिमांशु चोयल पर कार्यवाही की मांग की है।
- अस्पताल में रहती है अव्यवस्था
केयर हॉस्पिटल यू तो सो बेड का अस्पताल है लेकिन यहां पर मरीजों की सुरक्षा के कोई संसाधन मौजूद नहीं है। दरअसल, स्वास्थ्य संचालनालय के नियम अनुसार सो बेड के अस्पताल में फायर सेफ्टी से जुड़े सभी संसाधन होने चाहिए तभी अस्पताल को एनओसी प्राप्त होती है लेकिन यहां तो बिना संसाधनों के ही इस निजी अस्पताल को अस्पताल चलाने की एनओसी मिल गई है ऐसे में यहां कोई बड़ी दुर्घटना होगी तो उसका जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग ही होगा।
आपके माध्यम से यह मामला मेरे संज्ञान में आया है और मैं जानकारी लेकर इस पर कार्यवाही करूंगा। – डॉक्टर समंदर सिंह मालवीय (सीएमएचओ, आगर)