BREAKING: छतरपुर गैंगरेप पीड़िता भीम आर्मी के साथ SP ऑफिस पहुँचकर लगा रही न्याय की गुहार, गैंगरेप होने के बावजूद पुलिस धारा 376 के तहत नही कर रही कार्यवाही
छतरपुर। मध्यप्रदेश दलितों के उत्पीड़न के मामले में अब नंबर 1 प्रदेश बन गया है. यहां हर रोज दलितों से उत्पीड़न की नई नई खबरें सामने आती है और उत्पीड़न भी नए-नए तरीके का होता है. छतरपुर जिले के राजनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गाँव बंदरगढ़ में 25 मई को दिलदहला देने वाली घटना घटित हुई. जहां पर एक दलित परिवार को 4 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया और इन्हीं 4 दिनों के दौरान परिवार में मौजूद गर्भवती महिला से उसके बच्चों के सामने दुष्कर्म किया गया. आरोपी पटेल समाज के लोग थे तो अब उन पर कार्यवाही करने से पुलिस प्रशासन कतरा रहा है या फिर हो सकता है कि उन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कार्यवाही ना करने का दबाव हो?
घटना घटित होने के 7 दिन बाद भी केवल एक ही आरोपी को गिरफ्तार किया गया बल्कि अभी तक पुलिस को अन्य आरोपी गिरफ्तार करने में कोई सफलता हासिल नहीं हुई है अगर इस तरह के अपराधों में भी शिवराज सरकार दुष्कर्मियों का साथ देगी तो फिर प्रदेश के दलित अपने आप को कैसे सुरक्षित महसूस करवा पाएंगे?
पुलिस प्रशासन पर एक बड़ा आरोप लगा है कि वह आरोपियों को बचाने में लगे हैं?
भीम आर्मी के पूर्व प्रदेश प्रभारी सुनील अस्तेय ने मामले में ट्वीट कर लिखा कि: छत्तरपुर गैंगरेप, जब पीड़िता ने खुद कहा है कि ‘उसके साथ सामुहिक बलात्कार हुआ है’ और उसके बावजूद CM शिवराज जी, अब तक IPC- 376 क्यों नहीं लगवाई है…? 15 सालों से शिवराज का दलितों के प्रति कितना प्रेम है उसको दर्शाता है।
आज मंगलवार को भीम आर्मी छतरपुर की टीम पीड़िता को लेकर SP कार्यालय पहुंची जहां वह लोग पीड़िता के बयान दर्ज करवाने के लिए धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक मामले में धारा 376 के तहत कार्यवाही नहीं होगी हम लोग यहां से नही जाएंगे.
मामले को लेकर भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने कहा: छतरपुर गैंगरेप प्रकरण हृदयविदारक है। एक SC मजदूर ने काम करने से मना किया तो सत्ता के शह में कायरों ने परिवार को बंधक बनाकर चार दिन तक उसकी बीवी के साथ बच्चों के सामने दुष्कर्म किया। पीड़िता का मेडिकल तक नहीं हुआ। वह गिड़गिड़ा रही है। लानत है ऐसी सरकार पर!