फिर कर्ज के बोझ तले दबा मध्यप्रदेश: शिवराज सरकार ने 1 माह में दूसरी बार लिया दो हजार करोड़ का कर्ज

भोपाल। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दावा करते हैं कि प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है. दूसरी तरफ ये हालात हैं कि प्रदेश की सरकार को अपने कर्मचारियों को तनख्वाह बांटने के लिए हर महीने कर्ज लेना पड़ता है. मध्य प्रदेश सरकार ने आज फिर दो हजार करोड़ का कर्ज लिया है, इस तरह से दिसंबर महीने में कर्ज 4000 करोड़ पहुंच गया है. इसके पहले 15 दिसंबर को भी दो हजार करोड़ पार कर दिया गया था. सरकार ने आज जो कर्ज लिया है, वह 20 साल के लिए लिया है. इस कर्ज को प्रदेश सरकार को 4 नवंबर 2040 तक चुकाना होगा.

15 दिसंबर के बाद आज आज फिर लिया 2 हजार करोड़ का कर्ज

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने हाल ही में 15 दिसंबर को 2000 करोड़ का कर्ज लिया था. यह कर्ज 20 साल की अवधि के लिए लिया गया था. जिसकी अदायगी सरकार को 2040 तक करनी होगी, मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार ने 17वीं बार कर्ज लिया है. सरकार द्वारा आज दो हजार करोड़ का कर्ज लिए जाने पर कर्ज का आंकड़ा मौजूदा वित्तीय वर्ष में 18500 करोड़ पहुंच गया है.

प्रदेश सरकार ने कहां से कितना लिया उधार

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पर 31 मार्च 2020 की स्थिति में कर्ज का आंकड़ा 2 लाख 11 हजार 89 करोड के ऊपर हो चुका है. सरकार ने बाजार से 1 लाख 15 हजार 532 करोड रुपए का कर्ज लिया है. वहीं वित्तीय संस्थाओं से 10766.58 करोड़ कर्ज लिया है. इसके अलावा केंद्र सरकार से लोन के रूप में 20 हजार 938.81 करोड रुपए कर्ज लिया है. अन्य माध्यमों से 20 हजार 909.81 करोड़ कर्ज लिया है. सोशल सिक्योरिटी के जरिए 26491.30 करोड़ कर्ज लिया है.

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