गोपाल मंदिर आगर स्थित डॉ. रमेश अग्रवाल का क्लीनिक स्वास्थ विभाग के दल ने किया सील
गोपाल मंदिर स्थित डॉ.रमेश अग्रवाल द्वारा आयुर्वेद की डिग्री पर एलोपैथी पद्धति से उपचार करने और बिना किसी फार्मा डिग्री के मेडिकल चलाने का आरोप
डॉ रमेश अग्रवाल के क्लिनिक पर जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की कार्यवाही
आगर में गोपाल मंदिर में पास स्थित है क्लिनिक
आगर-मालवा। गोपाल मंदिर के समीप वर्षों से क्लीनिक चला रहे डॉ. रमेश अग्रवाल का दवाखाना आज स्वास्थ्य विभाग के दल ने सील कर दिया, यह कार्यवाही स्वास्थ्य विभाग ने शिकायतकर्ता आशीष मालानी की शिकायत पर की है.
पीड़ित आशीष मालानी के इलाज में लापरवाही कि शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग का दल डॉ. रमेश अग्रवाल के क्लिनिक पर जांच करने पहुँचे थे, तभी पूछताछ के दौरान डॉक्टर साहब जांच दल में आएं डॉ.विजेन्द्र चुड़िहार (नोडल अधिकारी) व डॉ.पंकज बघेल के सवालों का सही उत्तर नही दे पाएं तभी जांच दल द्वारा पूरे क्लिनिक की जांच की गई जिसके बाद क्लिनिक में अंदर पैथोलॉजी, मेडिकल व अन्य ऐसी दवाइयां मिली जो कि बिना मेडिकल लाइसेंस के नही बेची जा सकती. वही क्लिनिक के अंदर ही मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड भी लगे हुए थे.
इतना ही नही डॉक्टर साहब यह सब सबूत सामने होने के बाद भी जांच दल को यह कहते नजर आएं की उन्होंने यह सब काम बहुत पहले बन्द कर दिया है हालांकि जांच दल को जो डिस्पेन्सरी क्लिनिक से प्राप्त हुई वो हाल ही में मैनुफैक्चर हुई है.
जांच दल ने जब डॉक्टर साहब से उनकी डिग्री दिखाने को कहा तो उन्होंने उनके सामने बीएएमएस(आयुर्वेदिक डॉक्टर) की डिग्री रखी जो कि उनको आयुर्वेदिक इलाज करने की इजाजत देती है लेकिन डॉक्टर साहब अपने निजी क्लिनिक में धड़ल्ले से एलोपैथी दवाइयों से इलाज कर रहे थे और साथ मे उनके क्लिनिक से जांच दल ने करीब 25 कार्टून भरकर एलोपैथिक दवाइयां भी जब्त की है, साथ ही डॉक्टर रमेश अग्रवाल के क्लिनिक में उनके साथ ही एक ओर सहकर्मी बिना नर्सिंग डिग्री के नर्सिंग का काम कर रहा था, यह सब देखकर जांच दल ने डॉक्टर रमेश अग्रवाल का क्लिनिक सील कर दिया है और डॉक्टर साहब को अपना पक्ष रखने के लिए सीएमएचओ कार्यालय बुलाया है..
बात सिर्फ डॉक्टर रमेश अग्रवाल की क्लीनिक कि नहीं आगर में ऐसे कई फर्जी क्लीनिक संचालित हो रहे हैं, जहां कई बीएएमएस, बीएचएमएस डॉक्टर एलोपैथी का इलाज कर रहे हैं, तो कई झोलाछाप लोग अपने आपको डॉक्टर बनाकर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. बदहाली है कि स्वास्थ्य विभाग सिर्फ शिकायतों पर ही कार्यवाही करता है, उन्हें गली-मोहल्लों में लोगों की जान से खिलवाड़ होता हुआ नजर नही आता.