क्या आपको पता है बसपा सुप्रीमो मायावती ने लालजी टंडन की कलाई पर राखी बांधी थी.

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार को निधन हो गया. 85 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली, लालजी टंडन भले ही बीजेपी के नेता थे, लेकिन बीएसपी सुप्रीमो मायावती से उनका भाई-बहन का रिश्ता काफी चर्चा में रहा है.

लखनऊ/भोपाल। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का आज सुबह 85 साल की उम्र में निधन हो गया. वो बीते 11 जून से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. लालजी टंडन भले ही बीजेपी के नेता ते, लेकिन बीएसपी सुप्रीमो मायावती से उनका भाई-बहन का रिश्ता काफी चर्चा में रहा है. 18 साल पहले मायावती ने उन्हें चांदी की राखी बांधी थीं और उन्हें अपना भाई बनाया था. उस समय इसकी चर्चा मीडिया में खूब रही.

22 अगस्त 2002 को तत्कालीन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, मायावती ने लालजी टंडन की कलाई पर राखी बांधकर अपना भाई बनाया था. मायावती ने उन्हें चांदी की राखी बांधी थी. हालांकि, उनका ये रिश्ता विशुद्ध राजनीतिक था और ये चांदी की राखी से ज्यादा आगे नहीं बढ़ा

मायावती का रक्षाबंधन बस गठबंधन तक-

22 अगस्त 2002 को तब उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने बीजेपी नेता लालजी टंडन को राखी बांधी थी. वो राखी भी कोई आम राखी नहीं, बल्कि चांदी की राखी थी. मायावती उस वक्त बीजेपी के सहयोग से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं, लेकिन इस रिश्ते की उम्र भी गठबंधन से ज्यादा नहीं रही, अगले ही साल मायावती की सरकार गिर गई. नतीजा ये हुआ की, अगली राखी पर लालजी टंडन इंतजार करते रहे, लेकिन न तो मायावती पहुंची, न ही कोई राखी. जिसके बाद ये कहा जाने लगा कि, मायावती ने जब लालजी टंडन को राखी बांधी तो उसका मकसद बीजेपी की ओर से संभावित अड़चनों को टालना रहा था.

उत्तर प्रदेश में 1990 का वो दौर था, जब किसी भी राजनीतिक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल रहा था, इसी दौरान 3 मई 2002 को बीएसपी ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई. लेकिन ये सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई. डेढ़ साल में भी मायावती की सरकार गिर गई और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. बीजेपी ने बीएसपी पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया था.

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