आगर उपचुनाव में कांग्रेस से विपिन वानखेड़े का टिकट लगभग तय: सूत्र

मध्यप्रदेश में अब चुनावी बिगुल बज चुका है और मध्यप्रदेश की राजनीति एक अलग मोड़ पर आकर इस समय खड़ी हो गई है। जहाँ शिवराज और कमलनाथ यानि भाजपा के पास अपनी वर्तमान सरकार को बरकरार रखने का वही कांग्रेस को अपना सिंहासन फिर से एक बार हतियाने का मौका है। यह उपचुनाव हर एक दृष्टि से महत्वपुर्ण है क्योंकि हाल ही मे ऐसे लोगों को भी शिवराज मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया गया जो अभी फिलहाल में किसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक नही है तो यह भी देखना खास होगा कि क्या वह मंत्री विधायक का चुनाव जीत पाते है या नही।
खेर हम आज इस मुद्दे पर बात ना करते हुए एक विधानसभा की बात करते है जहां प्रत्याशियों के चहरे लगभग तय माने जा रहे है.हम बात कर रहे है आगर विधानसभा की:

मध्यप्रदेश की आगर-मालवा विधानसभा क्रमांक 166 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इसे भाजपा के लिए भी सुरक्षित माना जाता है. इस विधानसभा क्षेत्र में दो तहसील आगर और बडौद शामिल हैं. मतदाताओं की बात करें तो इस विधानसभा में कुल 2 लाख 17 हजार 369 मतदाता हैं. इनमें एक लाख 2 हजार 9 पुरुष मतदाता तथा 1 लाख 5 हजार 355 महिला मतदाता हैं. साथ ही 5 मतदाता तृतीय लिंग से आते हैं.

सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस से विपिन वानखेड़े का टिकट लगभग तय है वही भाजपा से मनोज ऊंटवाल व पूर्व विधायक रेखा रत्नाकर के बीच थोड़ा असमंजस की स्थिति है अब देखना होगा कि भाजपा इन दोनों में से किस नेता पर विश्वास जताती है।

विपिन वानखेड़े से आगर उपचुनाव के मुद्दों को लेकर खास बातचीत.

अब बात करे कांग्रेस से जो दावेदारी कर रहे है और जिनका टिकट लगभग तय माना जा रहा है विपिन वानखेड़े की तो:

वानखेड़े एक प्रख्यात व छात्र राजनीति का काफी चर्चित चहरा प्रदेश में रहा है और आगर की जनता भी इन्हें काफी करीब से जानती है। इन्होंने 2018 विधानसभा चुनाव में आगर विधानसभा से कांग्रेस से टिकट लेकर चुनाव लड़ा था और एक बडी हार के अंतर को मात्र 2490 पर लाकर वानखेड़े ने खड़ा कर दिया था और इस उपचुनाव में भी पार्टी इन पर भरोसा जताने को तैयार है। आइये जानते है इनके जीवन व राजनीतिक सफर के बारे में तो:

●इनका जन्म 24 फरवरी, 1988 को हुआ था।

●बात इनकी शैक्षणिक योग्यता की करे तो इन्होंने एमबीए किया हुआ है।

●वही दो बार मध्यप्रदेश एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष पद पर रह चुके है। प्रथम बार 2012 से 2015 तक वही दूसरी बार 2015 से 2018 तक.

●2010 से 2012 तक इंदौर एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रह चुके है।

●6 माह एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव के पद पर कार्यरत रह चुके है।

●वर्ष 2018 में आगर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे.

●छात्र राजनीति का अच्छा-खासा अनुभव है।

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