मध्यप्रदेश के 12 हजार पुलिसकर्मियों को मिलेगा “ऑनरेरी प्रमोशन”
भोपाल। मध्यप्रदेश में पुलिस विभाग में खाली पड़े पदों को भरने का रास्ता अब साफ हो गया है. प्रदेश के करीब 12 हजार पुलिसकर्मियों को “ऑनरेरी प्रमोशन” मिलेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस रेगुलेशन एक्ट में संशोधन कर उच्च पद पर कार्यवहन का प्रावधान कर दिया है. इससे अब प्रधान आरक्षक से लेकर डीएसपी स्तर तक के खाली पड़े साढ़े 11 हज़ार पदों को भरा जा सकेगा. हालांकि पात्रता के अनुसार कर्मचारी अधिकारी उच्चतर पद तो संभालेंगे और उसके अनुसार वर्दी और स्टार भी लगा सकेंगे. लेकिन उन्हें उच्चतर पद के वेतन और भत्तों का लाभ नहीं मिलेगा. गृह विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं.
प्रदेश में 11630 पद खाली, इन्हें मिलेगा फायदा
मध्यप्रदेश में प्रधान आरक्षक से लेकर डीएसपी स्तर तक के 11 हज़ार 630 पद अभी खाली पड़े है. इनमें प्रधान आरक्षक के 5 हज़ार 768 पद, सहायक उप निरक्षक के 4 हज़ार 162 पद, उप निरीक्षक के 770 पद, निरीक्षक के 702 पद और उप पुलिस अधीक्षक के 300 पद खाली हैं. पुलिस रेगुलेशन एक्ट में संशोधन से इन पदों को भरा जा सकेगा. संशोधन के आरक्षक से प्रधान आरक्षक पद के लिए 5 साल का सेवाकाल निर्धारित है. वहीं प्रधान आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक के लिए 3 साल, उप निरीक्षक निरीक्षक के लिए 6 साल और निरीक्षक से डीएसपी पद का कार्यवहन करने के लिए 8 साल की कार्य सेवा जरूरी है. पुलिस विभाग के बाद अब दूसरे विभागों के कर्मचारियों की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं. सामान्य और आरक्षक वर्ग के कर्मचारी भी पद्दोन्नति की मांग कर रहे हैं.
प्रदेश में 2016 से लगी है पद्दोन्नति पर रोक
मई 2016 में पदोन्नति में आरक्षण का नियम खत्म कर देने से प्रमोशन पर रोक लग गई थी. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. बीते दो साल में मप्र पुलिस के करीब 2000 पुलिसकर्मी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो चुके हैं. एएसआई से लेकर टीआई तक के खाली पदों का असर पुलिस की विवेचना पर पड़ रहा है. इसको देखते हुए सरकार ने पदवहन का निर्णय लिया है.