अपने हुए परायें! आगर के वृद्धाश्रम में रह रही 3 बेटियों की मां के अंतिम संस्कार में बेटियों व परिजनों ने आने से किया मना, परायों ने अपना बन किया अंतिम संस्कार

आगर-मालवा। जीते जी ना साथ मिला और ना ही प्यार, मगर मरने के बाद भी अपनो ने अंतिम संस्कार तो दूर अंतिम दर्शन के लिए भी मना कर दिया. ऐसे में परायों ने बेटों ओर परिजनों का फर्ज निभाया. मामला आगर-मालवा जिले का है, जहां “अपना घर वृद्धाश्रम” में निवासरत 3 बेटियों की एक वृद्ध मां की बीमारी के चलते मौत हो गई, जिसकी सुचना वृद्धाश्रम प्रबंधन ने उसके परिजनों को दी.

सुचना के बाद परिजनों ने महिला के अंतिम संस्कार में आने से मना कर दिया. इसके बाद आगर के समाजसेवी सुधीर भाई जैन की मदद से वृद्धाश्रम प्रबंधन ने पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया.

दरअसल अपना घर वृद्धाश्रम में करीब 4 वर्षो से रह रही बुजुर्ग महिला की बीमारी के चलते करीब 15 दिनों तक जिला अस्पताल में उपचार के बाद मौत हो गई. जिसकी सूचना वृद्धाश्रम के प्रबंधन द्वारा उसकी तीन बेटियों व भतीजे को दी गई. सुचना के बावजूद सभी ने अंतिम संस्कार करने और यहां आने से साफ इनकार कर दिया. इधर वृद्धाश्रम में बुजुर्ग की मौत की सुचना लगने पर नगर के समाजसेवी आगे आए और वृद्धाश्रम प्रबंधन व वहां रह रहे बुजुर्गों के साथ मिलकर अंतिम संस्कार की समस्त रस्मों को निभाते हुए दाह संस्कार किया.

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