बाबा बैजनाथ की शाही सवारी निकालने के मुद्दे ने पकड़ा तूल, भक्तों ने ज्ञापन सौंपकर रखी मांग

बाबा बैजनाथ की शाही सवारी निकालने के मुद्दे ने पकड़ा तूल, भक्तों ने ज्ञापन सौंपकर रखी मांग

16 अगस्त को निकली जानी है शाही सवारी

आगर-मालवा। विश्व प्रसिद्ध बाबा बैजनाथ महादेव प्रतिवर्ष श्रावण मास के अंतिम सोमवार को शाही सवारी के रूप में नगर भ्रमण पर निकलते हैं लेकिन कोरोनाकाल के बाद से ही सभी धार्मिक स्थलों पर कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए है तो वही आगर के बाबा बैजनाथ का भी नगर भ्रमण नहीं हो पा रहा है। यहां पिछले वर्ष भी बाबा बैजनाथ महादेव की शाही सवारी नगर में प्रवेश किए बिना ही वापिस मंदिर चली गई थी और इस वर्ष भी प्रशासन शाही सवारी का नगर भ्रमण कराने को लेकर सहमत नहीं है।

शुक्रवार को इसी मांग को लेकर बड़ी संख्या में बाबा बैजनाथ के भक्त छावनी नाके पर एकत्रित हुए और ढोल के साथ भोले के जयकारे लगाते हुए रैली के रूप में ज्ञापन देने आगर कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां ज्ञापन लेने आएं नायब तहसीलदार कपिल शर्मा को भक्तों ने ज्ञापन देने से मना कर दिया, एसएलआर राजेश सरवटे भी ज्ञापन लेने पहुँचे लेकिन भक्त कलेक्टर को ज्ञापन देने की मांग पर अड़े रहे और वही धरने पर बैठ गए, बाद में समझाइश के बाद एसडीएम राजेंद्र सिंह रघुवंशी को ज्ञापन सौंपा गया और मांग की गई की बाबा बैजनाथ महादेव के शहर में बड़ी संख्या में भक्त हैं जो उन में अटूट आस्था रखते हैं और प्रतिवर्ष श्रावण मास के अंतिम सोमवार को बाबा के नगर भ्रमण पर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसे में आने वाली 16 अगस्त को सावन के अंतिम सोमवार पर प्रतिवर्ष अनुसार नगर के भीतर से बाबा बैजनाथ की शाही सवारी निकाली जाए वही भक्तों को प्रशासन की सभी शर्तें मंजूर है।

रक्षक मित्र मंडल ने भी सौंपा ज्ञापन

शाही सवारी निकालने की मांग अब तेज होने लगी है। शुक्रवार को रक्षक मित्र मंडल के सदस्यों ने भी अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय पहुंचकर एसडीएम राजेंद्र सिंह रघुवंशी के नाम एक ज्ञापन नायब तहसीलदार रीना पटेल को सौंपा, जिसमें बताया गया है कि पिछले 42 वर्षों से बाबा बैजनाथ की शाही सवारी निकाली जा रही है और इस वर्ष बाबा बैजनाथ की शाही सवारी नगर में निकाली जाए ताकि शहर में रहने वाले सभी भक्तों को बाबा के दर्शन लाभ मिल सके। पिछले वर्ष बाबा बैजनाथ की सवारी को नगर में प्रवेश कराए बिना ही छावनी नाके से वापिस मंदिर ले जाया गया था जिससे सभी भक्तों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची थी लेकिन इस बार ऐसा ना किया जाए और जिस तरह उज्जैन में बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जा रही है उसी तर्ज पर बाबा बैजनाथ की शाही सवारी प्रशासन निकालें और उनकी जो भी शर्ते रहेगी वह सभी भक्त मानने के लिए तैयार है।

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