तीन साल में 100 से अधिक स्पाइन और 3000 से ज्यादा जटिल सर्जरी करने वाला आगर का पहला चिकित्सा केंद्र बना राम कृष्णा हॉस्पिटल

विजय बागड़ी, आगर मालवा। छोटे शहरों में बड़ी उपलब्धियां विरले ही देखने को मिलती हैं, लेकिन आगर-मालवा का रामकृष्णा हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर इस धारणा को लगातार गलत साबित कर रहा है। अपनी स्थापना के महज तीन वर्षों के भीतर इस हॉस्पिटल ने चिकित्सा के क्षेत्र में वह मुकाम हासिल किया है जिसकी कल्पना कभी केवल महानगरों के लिए ही की जाती थी।
अत्याधुनिक तकनीक और कुशल चिकित्सकीय स्टाफ की बदौलत हॉस्पिटल ने न केवल क्षेत्र में विश्वास की एक मजबूत नींव रखी है, बल्कि 60,000 से अधिक मरीजों का सफल उपचार कर यह सिद्ध किया है कि गुणवत्ता और सेवा के लिए भौगोलिक सीमाएं कोई मायने नहीं रखतीं।
सफलताओं की श्रृंखला: हॉस्पिटल के रिकॉर्ड पर यदि नजर डालें तो आंकड़े स्वयं इसकी सफलता की गवाही देते हैं। 80 से अधिक घुटने और कूल्हे के प्रत्यारोपण, 100 से ज्यादा जटिल स्पाइन सर्जरी, और 3000 से अधिक एक्सीडेंटल केसों की सफल सर्जरी – ये सभी उपलब्धियां इस बात का प्रमाण हैं कि आगर जैसे छोटे नगर में अब चिकित्सा के बड़े सपने भी पूरे हो सकते हैं।
विजन और समर्पण की कहानी: हॉस्पिटल के डायरेक्टर दिगंत शर्मा बताते हैं, “हमने यह संस्थान इस उद्देश्य से शुरू किया था कि जिले के मरीजों को गंभीर ट्रामा या सर्जरी के मामलों में इंदौर या भोपाल जैसे बड़े शहरों की दौड़ न लगानी पड़े। आज यह देखकर गर्व होता है कि हमारा सपना साकार होता दिख रहा है।
“वहीं, सर्जरी विभाग के प्रमुख और सह-डायरेक्टर डॉ. संजय जामलिया का कहना है, “हमारे हॉस्पिटल में की गई हर बड़ी सर्जरी एक नई उम्मीद की शुरुआत रही है। मरीजों का स्वस्थ होकर लौटना ही हमारे लिए सबसे बड़ी सफलता है।
भविष्य की दिशा: रामकृष्णा हॉस्पिटल अब केवल एक चिकित्सा केंद्र नहीं, बल्कि आगर-मालवा की नई पहचान बन चुका है। आने वाले वर्षों में यहां सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं को और विस्तार देने की योजना है, जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्र के लोगों को भी विश्वस्तरीय चिकित्सा यहीं उपलब्ध हो सके।