आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत ‘‘ऑपरेशन ग्रीन‘‘ योजना संचालित
आगर-मालवा: भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के दायरे को बढ़ाए जाने की घोषणा की गई है. इस स्कीम में आलू, प्याज, टमाटर के साथ अब विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों को भी शामिल किए जाने की घोषणा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तीसरे भाग में की गई है.
इसके तहत अधिक उत्पादन वाले स्थान से कम उत्पादन वाले स्थान पर परिवहन के लिए 50 प्रतिशत परिवहन अनुदान तथा भण्डारण शीतगृह में योग्य फसलों के भण्डारण के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. इस योजना के दो प्रमुख घटकों में पहला मूल्य का स्थिरीकरण एवं संतुलन (कम अवधि) एवं दूसरा एकीकृत मूल्य श्रृंखला का विकास परियोजना (दीर्घ अवधि के लिए ) है. परन्तु कोरोना संक्रमण महामारी की वजह से यह श्रृंखला प्रभावित हुई है और किसान अपनी उपज बाजार में नहीं बेच पा रहे हैं. कृषकों को होने वाले आर्थिक नुकसान की क्षतिपूर्ति ही इस स्कीम के दायरे को बढ़ाने का उद्देश्य है.
ग्रीन स्कीम के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के द्वारा योजना को टमाटर, प्याज और आलू से बढ़ाकर अब इसमें फलों में आम, केला, अमरूद, किवी, लीची, पपीता, खट्टे फल, अनानास, अनार एवं कटहल तथा सब्जियों में फ्रेंच बीनस, करेला, बैंगन शिमला मिर्च, गाजर, गोभी, भिण्डी को शामिल किया गया है। खाद्य प्रसंस्करण, किसान उत्पादक संगठन एवं किसान उत्पादक संस्था, सहकारी समिति, व्यक्तिगत कृषक, अनुज्ञप्ति धारक प्रतिनिधि, निर्यातक राज्य विपणन, खुदरा विक्रेता आदि जो फलों एवं सब्जियों के विपणन एवं प्रसंस्करण कार्य में लगे हुए हैं, उन्हें इस योजना के क्रियान्वयन हेतु पात्र संस्था होगी.
योजना के लिए आवश्यक शर्ते:
1.अधिसूचित उत्पादन क्लस्टरों में चल रहे भाव निम्नलिखित शर्तो में से किसी एक को पूरा करते हो:-
● फसल कटाई के समय मूल्य पिछले तीन वर्षो के औसत बाजार मूल्य से नीचे चले गये हो।
●फसल कटाई के समय मूल्य पिछले वर्ष के बाजार मूल्य की तुलना में 15 प्रतिशत से अधिक नीचे
●मूल्य राज्य/केन्द्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट अवधि के लिए खरीद हेतु निर्धारित बेंचमार्क मूल्य यदि कोई हो से नीचे चले गए हों.
- किसानों, एफपीओं/एफपीसी, सहकारी समिति अथवा लाइसेंसधारी कमीशन एजेंट से सीधे खरीद की जाएगी और भुगतान केवल पैकिंग चैनल के माध्यम से किया जाएगा.
- प्रति आवेदन खरीदी जाने वाली और परिवहन/भंडारित न्यूनतम मात्रा (इसमें से एक अथवा एक से अधिक अधिसूचित फसलें हो सकती है. ●एफपीओ/एफपीसी, सहकारी, एकल किसानों के लिए 100 मीट्रिक टन
●खाद्य प्रसंस्करण, निर्यातक, लाइसेंसधारी कमीशन एजेंट के लिए 500 मीट्रिक टन
खुदरा व्यापारियों, राज्य विपणन/सहकारी संघ के लिए 1000 मीट्रिक टन.
- परिवहन के लिए पात्र मानदंडः- अधिसूचित अधिशेष उत्पादन क्लस्टरों से उपभोग केन्द्र प्रसंस्करण संयंत्र, रिटेल आउटलेट अथवा भारत में बंदरगाहों/हवाई अड्डों/आईसीडी/सीएफएस, जैसा भी मामला हो तक की न्यूनतम दूरी (सड़क, रेलवे अथवा वायुमार्ग से)
●खाद्य प्रसंस्करण, एफपीओ/एफपीसी, सहकारी समिति, एकल किसान, लाइसेंसधारी कमीशन एजेंट, निर्यातक के लिए 100 कि.मी. खुदरा व्यापारियों, राज्य विपणन/सहकारी संघ के लिए 250 कि.मी.
- लाइसेंस प्राप्त मालगोदाम अथवा शीतागार में भंडारण केवल अधिसूचित उत्पादन क्लस्टरों, उपभोग केन्द्रों अथवा उपयोग केन्द्र के रास्ते के समीप किसी संस्थान पर हो सकता है.
- परिवहन तथा भंडारण शुल्कों का भुगतान केवल बैंकिंग चैनल के माध्यम से ही किया जाना चाहिए.
- प्रति आवेदन अधिकतम अनुमत्य सब्सिडी की राशि के पूरे 6 महीने की अवधि के दौरान 1 करोड़ रूपए होगी.
- खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए सब्सिडी के उद्देश्य से खरीद की जाने वाली फसल की पात्र मात्रा की अधिकतम सीमा उनके प्रसंस्करण संयंत्र पर स्थापित क्षमता के संदर्भ में निर्धारित की जाएगी.
- ढुलाई अथवा भंडारण के इनवॉयस जैसा भी मामला हो की तारीख से तीन महीने पूरे हो जाने के पश्चात् आवेदन नही किया जाना चाहिए.
- मंत्रालय, समय-समय पर उपर्युक्त शर्तो की समीक्षा करेगा और स्कीम दिशा निर्देशों के किसी भी उपबंध को संशोधित/परिवर्तित/रद करने के संबंध में उपर्युक्त निर्णय लेगा.
सब्सिडी के लिए दावा प्रस्तुत करना
उपर्युक्त आवश्यक मानदंडों का पालन करने वाली पात्र संस्थाए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का पूर्व अनुमोदन लिए बगैर अधिसूचित अधिशेष उत्पादन क्लस्टरों से अधिसूचित फसलों की ढुलाई और भंडारण का कार्य कर सकती है और उसके उपरांत ऑनलाईन पोर्टल पर अपना दावा प्रस्तुत कर सकती है. उन्हे दावे के प्रपत्र में अपेक्षित सूचना भरनी होगी और स्व प्रमाणित दस्तावेजों को पोर्टल पर उपलोड करना होगा। आवेदक को फलो एवं सब्जियों की ढुलाई/भंडारण करने से पूर्व पोर्टल पर अपना पंजीकरण करना होगा।
सहायक दस्तावेजों की सूचीः-
सब्सिडी (परिवहन तथा भंडारण हेतु) जारी करने के लिए आवेदक को निम्नलिखित सहायक दस्तावेज के साथ निर्धारित प्रपत्र में ऑनलाईन दावा प्रस्तुत करना होगा.
- पात्र फसलों के लिए अधिसूचित उत्पादन क्लस्टर से इनवॉयस की खरीद.
- उस किसान का ब्यौरा जिससे फसल खरीदी गई है.
- पात्र फसल के लिए उत्पादन केन्द्र/संयंत्र/बंदरगाह/खुदरा/आउटलेट में बिक्री/हस्तांतरण का इनवॉयस.
- यह दर्शाने के लिए कि फसल की ढुलाई के लिए भुगतान किया गया है, ढुलाई का इनवॉयस तथा रसीद एवं अन्य संबंधित दस्तावेज जैसे कि धर्मकांटे की रसीद, टोल प्लाजा की रसीद, जीओ-टेग फोटोग्राफ (ट्रक का नम्बर तारीख एवं समय सहित).
- यह दर्शाने के लिए कि फसल के भंडारण के लिए भुगतान किया गया है, भंडारण का इनवॉयस तथा रसीद एवं अन्य संबंधित दस्तावेज जैसे कि धर्मकांटे की रसीद, टोल प्लाजा की रसीद, जीओ-टेग फोटोग्राफ (ट्रक का नम्बर, तारीख एवं समय सहित) किराया/पट्टा समझौता.
- यह दर्शाने के लिए बैंक स्टेटमेंट की प्रति कि किसान, परिवहन शुल्क और भंडारण शुल्क का भुगतान किया गया है।
परिवहन तथा भंडारण की सब्सिडी के लिए लागत मानदंड
स्कीम के अंतर्गत अनुमानित सब्सिडी की गणना करने के लिए परिवहन तथा भंडारण की पात्र लागत की गणना करते समय निम्न लागत मानदंडों का अनुप्रयोग किया जाएगा।
परिवहन शुल्क
- सामान्य ट्रक रेट 2.84 रू. प्रति मीट्रिक टन प्रति किलो मीटर
- रीफर वैन रेटः- 5 रू. प्रति मीट्रिक टन प्रति किलो मीटर
रेल तथा वायु मार्ग से परिवहन के मामले में भारतीय रेलवे तथा एयर इंडिया द्वारा लिए गए किराए की वास्तविक राशि को पात्र लागत के रूप में माना जाएगा।
भंडारण शुल्क
- मालगोदाम रेटः- 345 रूपए प्रति मीट्रिक टन प्रति सीजन
- शीतागार रेटः- 2,000 रूपए प्रति मीट्रिक टन प्रति सीजन
उप संचालक उद्यान अंतरसिंह कन्नौजी ने बताया कि पात्र फसलों के लिए उपर्युक्त भंडारण सुविधाओं को किराए पर लेने के लिए सब्सिडी हेतु अधिकतम तीन महीने की अवधि पर विचार किया जाएगा। अधिकतम जानकारी के लिए कार्यालय उप संचालक उद्यान, जिला आगर मालवा में संपर्क किया जा सकता है।