मध्यप्रदेश में जल्द ही बंद हो सकते है 13 हजार सरकारी स्कूल
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी आदेश में अधिकारियों से यह कहा गया है कि, उन सभी शासकीय स्कूलों का समीक्षा कार्य फिर से शुरु किया जाए, जहां छात्रों की संख्या 0 से 20 तक है. ऐसे शासकीय स्कूलों को तुरंत बंद किये जाएंगे.
भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों को बंद करने का अभियान लगातार प्रदेश सरकार द्वारा जारी है. वर्ष 2019 में प्रदेश के 15 हज़ार से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. इसी कड़ी में अब वर्ष 2020 में भी अभियान की तर्ज पर करीब 13000 सरकारी स्कूल बंद करने की तैयारी की जा रही है. बता दें प्रदेश सरकार द्वारा जारी प्रावधान के अनुसार हर वर्ष सरकारी स्कूल बंद किये जाएंगे.
राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी किया यह आदेश
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा आदेश जारी किया गया है जिसमे अधिकारियों से कहा गया है कि, उन सभी स्कूलों का समीक्षा कार्य फिर से शुरु किया जाए, जहां छात्रों की संख्या 0 से 20 तक है. ऐसे स्कूलों को समीप के सरकारी स्कूलों में मर्ज कर शिक्षकों की सेवाएं कार्यालय या फिर अन्य स्कूलों में लगाई जाए. राज्य शिक्षा केंद्र की सूची में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर संभाग के जिलों में सबसे ज्यादा स्कूल बंद करने पर ध्यान केंद्रित है।
इन जिलों के स्कूलों में छात्रों की संख्या है शून्य
जांच टीम द्वारा जुटाए आंकड़ों के मुताबिक, अब तक प्रदेश के देवास-18, शिवपुरी-16, उज्जैन-19, इंदौर-10, धार-21, खरगोन-27, सागर-48, दमोह-27, पन्ना-27 ऐसे सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां कक्षाओं में एक भी छात्र नहीं है. इनके अलावा अन्य जिलों के सरकारी स्कूलों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं, जांच में जिन भी स्कूलो में छात्रों की संख्या 20 से कम होगी उन स्कूलों को बंद किया जाएगा।
सरकारी स्कूल बंद करने पर ज्यादा है प्रदेश सरकार का फोकस
कुल मिलाकर प्रदेश सरकार का ध्यान केवल स्कूल बंद करने पर है. यदि आप कर्मचारियों को स्वतंत्र छोड़ दें तो वह सरकारी हो या प्राइवेट काम नहीं करेंगे. यह प्रावधान उस समय सही प्रतीत होता है, जब इसमें लिखा हो कि अगर किसी इलाके में 5 साल तक बच्चे पैदा ना हो तो वहां स्कूल बंद कर दिया जाएगा, लेकिन अगर बच्चे हैं तो उन्हें स्कूल तक लाना और उनके लिए शिक्षा का प्रबंध करना सरकार की जिम्मेदारी होती है।